If increase Repo Rate, What will be the effect In Hindi





Repo Rate and Reverse Repo Rate In Hindi

Repo Rate: ये वे दरें होती है जिस पर (RBI) बैंकों को कर्जा देता है, जबकि Revere Repo रेट उन दरों को कहते हैं जिन दर पर बैंकों को RBI पैसा रखने पर ब्याज देती है। जिसके कारण रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है, जबकि रेपो रेट में जब बढ़ोतरी होती है तो EMI में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है।




अप्रैल महीने के रेपो रेट के हिसाब से Costumers को 4,05,680 रुपये ब्याज के रूप में चुकाना पड़ रहा था। नई गणना के हिसाब से उसे 5,66,000 रुपये ब्याज के रूप में चुकाने होंगे मतलब उसे 5,66,000- 4,05,680= 1,60,320 रुपये Extra चुकाने होंगे।




आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। रेपो रेट में लगातार छठी बार केंद्रीय बैंक ने इजाफा किया है। रेपो रेट को 6.25%  से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया है। 


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अप्रैल 2022 से रेपो रेट 2.5 प्रतिशत बढ़कर 4 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत हो गया है। इससे पहले तीन दिनों तक आरबीआई की एमपीसी की अहम बैठक चली।


अब एमपीसी के फैसले के बाद अगर विभिन्न बैंक अपने होम लोन के ब्याज दरोंं में न्यूनतम बढ़ोतरी भी करते हैं तो होम लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी।